Friday, December 28, 2007

मेरे मोबाइल की आत्मकथा


आप सोच रहे होंगे कि बात करने का यंत्र होकर ये मुझे आत्मकथा लिखने की क्या सूझी लेकिन क्या करूं मालिक का रवैया देख कर रहा नहीं गया और एक रोज़ आत्मकथा एक लंबा सा एसएमएस बना कर ख़ुद को ही भेज दी। ताकि वो उसे पढ़ लें और अपने फ़ैसले पर फिर सोचें। तो ये रहा वो एसएमएस:

आप पर धिक्कार है मालिक जो अब आप मुझे छोड़ने का मन बना रहे हैं। क्या नहीं किया मैने आपके लिए। ख़ुशी हो या ग़म, हर मौक़े पर आप मुझ पर चैटियाये हैं। न जाने कितनी बार ग़ुस्से में थिरकती आपकी उंगलियां एसएमएस बनकर मेरे सीने पर दौड़ी हैं। और न जाने कितनी बार ज़मीन पर गिर कर मेरा अंग अंग कराह उठा है लेकिन फिर भी मैं आपकी सेवा करता रहा। कभी उफ़ तक नहीं की। कॉल रजिस्टर में दर्ज 1254 घंटे, 26 मिनट और 47 सेकंड इसका सबूत हैं। माना कि मेरी वजह से सब आपको चिढ़ाते हैं, मज़ाक बनाते हैं। माना कि आज दूसरों के मोबाइल में ब्लूटूथ है, कैमरा है, इंटरनेट है, संगीत है, बड़ी स्क्रीन है, चार जीबी मेमोरी है। मेरे पास क्या है, क्या है मेरे पास। एक छोटी सी टॉर्चलाइट और आपका कम होता प्यार...बस्स।

पिछले कुछ दिनों से देख रहा हूं। अख़बार और इंटरनेट खंगाल रहे हैं। शायद मुझसे बेहतर साथी की तलाश में। लेकिन कहे देता हूं, अपने जीते जी मैं किसी और को आपकी जेब में बजते नहीं देख सकता। नहीं देख सकता किसी को 'उसकी' तारीफ़ करते हुए। कोई समझता क्यूं नहीं कि कितना मुश्किल है मेरे लिए कल को भूलना।

अभी कल ही की बात लगती है जब मैं घर में आया था। सबको देखते ही भा गया था। भगवान झूठ न बुलाए,सबकी नज़रों में ही उतर गया था। हर कोई एक बार छू लेने को बेताब, कोई रूप पर लट्टू तो कोई फ़ीचर्स पर और कोई तो सफ़ेद रंग का ही गुणगान करने में लगा था। हाथों हाथों पर रहा था। मुझे लगा था कि ये एक लंबे और मुहब्बत भरे रिश्ते की शुरुआत है लेकिन शायद मैं ही कमनज़र था जो अपनी ही आने वाली नस्ल के बढ़ते फ़ीचर्स और घटते अपनेपन को पहचान न सका। जो अब मेरे ही वजूद को मिटा देने पर तुले थे। अब पहले वाली बात कहां। आज हो सकता है आप किसी और मोबाइल को अपना लें लेकिन याद रखिएगा वो सब मेरे जितना प्यार और अपनापन नहीं दे पाएंगे। आख़िर में यही कहूंगा कि आंसुओं से भीगी इस स्क्रीन को जल्दी पोंछो और मेरा साथ छोड़ने की इच्छा दिल से निकाल दो।

बस ये एसएमएस पढ़ कर मेरे दिल ने गवाही नहीं दी कि मैं एक नया मोबाइल ख़रीदूं। मोबाइल ख़रीदने के लिए मेरे पीछे पड़ने वाले दोस्तों, माफ़ी चाहूंगा लेकिन इस करुण प्रार्थना को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता।
35% Off New Products at GoDaddy.com! Expires 4/30/13.