Saturday, July 3, 2010

इन आंखों से कैसे बचेंगे आप?

उन आंखों ने मुझे परेशान कर रखा है
मेरे वजूद को हिला कर रख दिया है

तमाम जगह मेरा पीछा करती हैं वो आंखें
कुछ ख़ास जगहों पर ज़्यादा ही घूरती हैं
मैं जब भी दोस्तों के साथ
ख़ुशी के कुछ लम्हे बांट रहा होता हूं
जाने कहां से धमकती हैं वो आंखें
मैं जब भी पिज़्ज़ा हट या मैकडोनल्ड्स में
अपनी ज़ुबान को ज़ायक़ा दे रहा होता हूं
अजीब तरह से घूरती हैं वो आंखे
मैं भरपेट खाने के बाद फ़्रिज से आइसक्रीम निकालता हूं
तो फ़्रिज का दरवाज़ा बंद कर पलटते ही दिखती हैं वो आंखें
डिस्को थिक की रंग बिरंगी रोशनियों के बीच से कभी
नज़र जाती हैं वो बदरंग आंखें
रातों में किसी ख़ूबसूरत सपने को
अचानक तोड़ देती हैं
पसीने पसीने उठता हूं
कहीं भीगे बदन दौड़ता हूं
बिसलरी की बोतल उठाता ही हूं
गला तर करने को कि
फिर वहीं आंखें
ये छटपटाहट, ये कसमसाहट
कहीं मैं पागल तो नहीं हो रहा

अब कोस रहा हूं मैं वो घड़ी
जब देखी थी मैंने कातर आंखों वाली वो तस्वीर
और पढ़ी थी उसके नीचे की वो ख़बर
मध्य प्रदेश में हर रोज़ कई बच्चे
मर रहे हैं कुपोषण से

Photo Courtesy: Greyfotos
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