Monday, April 5, 2010
अमां, छोड़िए आईपीएल, शोएब-सानिया ड्रामा देखिए !
अपने वक़्त के सबसे बड़े ब्याह बवाल में आपका स्वागत है। आप जानना चाहते हैं, सबसे ज़्यादा कौन दु:खी है, शोएब-सानिया स्यापे से। और कोई नहीं बल्कि अपने ललित मोदी। अरे, क्यूं न हों। आईपीएल का रंग फीका कर दिया दोनों के रायते ने। अब बेचारे ये भी सोच रहे हैं कि पहले पाकिस्तानी खिलाड़ियों को आईपीएल का हिस्सा बना लेते तो ही अच्छा रहता। इस समय न तो हैदराबाद आईपीएल का हिस्सा है और न ही शोएब। और दोनों ही ललित मोदी की नींद उड़ाए हुए हैं। हो सकता है, अगर पाकिस्तानी खिलाड़ियों को ख़रीदा जाता तो शोएब भी यहां खेल रहे होते, फिर उन्हें कहां मौक़ा मिलता इतना रायता फैलाने का कि समेटते न बने। लेकिन अफ़सोस कि ऐसा हो न सका।
आईपीएल के मैचों से ज़्यादा रफ़्तार तो हैदराबादी मसाले में है। शोएब भी आराम से सानिया के घर की बालकनी में ऐसे तफ़रीह करते नज़र आ रहे हैं जैसे लॉर्ड्स की बालकनी में ट्रॉफ़ी के साथ खड़े हों। हां, ये अलग बात है कि वो सानिया को ट्रॉफ़ी ही तो मानते होंगे जो उन्हें बिना कोई मैच जीते मिल गईं। जैसे लोहा लोहे को काटता है वैसे ही आईपीएल के खेल को दो खिलाड़ी कड़ी टक्कर दे रहे हैं।
अब विकल्प क्या है ललित मोदी के पास ?
मेरे ख़्याल से उन्हें एक काम करना चाहिए। शोएब-सानिया को उन्हें आईपीएल सीज़न 3 का ब्रैंड एंबेसडर बना देना चाहिए। कम से कम टीवी के दर्शक बंटेंगे तो नहीं। वर्ना हैदराबादी तमाशा क्रिकेट के तमाशे पर भारी पड़ता नज़र आ रहा है।
बस ग़नीमत इतनी है कि अगर तय वक़्त के मुताबिक़ शोएब और सानिया की शादी 15 अप्रैल को हो जाती है तो दर्शक आईपीएल के सेमीफ़ाइनल और फ़ाइनल के लिए तो जुटेंगे। लेकिन...लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो ललित मोदी तो गए काम से।
हां, जाते जाते एक बात और। बड़े फ़न्ने ख़ां बनते हुए आईपीएल वालों ने ख़बरिया चैनलों से आईपीएल के एक-एक सेकेंड की फ़ुटेज का हिसाब मांगा था न...अब ज़रा ये असली ड्रामाई फ़ुटेज लेकर दिखाइए। अब आया न, ऊंट पहाड़ के नीचे।
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