बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे बोल ज़ुबां अब तक तेरी है - फ़ैज़
आपकी टिप्पणी से ये जानने में सहूलियत होगी कि जो लिखा गया वो कहां सही है और कहां ग़लत। इसी बहाने कोई नया फ़लसफ़ा, कोई नई बात निकल जाए तो क्या कहने !
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