मेरे क्यूबिकल से बस एक झलक मिलती थी
वो उन दिनों कमाल लगती थी
कनखियों से देखता था कभी
और गुज़रता था बेहद करीब से कभी
मैं शुक्रगुज़ार हूं दफ्तर के डिज़ायनर का
वो उन दिनों कमाल लगती थी
कनखियों से देखता था कभी
और गुज़रता था बेहद करीब से कभी
मैं शुक्रगुज़ार हूं दफ्तर के डिज़ायनर का
कॉरीडोर संकरे बनाए हैं काफी
मैं देर तक खड़ा होता था वॉटर कूलर के पास
कि वहीं से मिलती थी उसकी पूरी झलक
ज़ुल्फ़ की वो एक लट मैं कितनी बार
कान के पीछे रख कर आया
ठीक से मुझे भी याद नहीं
ये सब होता रहा वहीं.
खड़े खड़े वॉटर कूलर के पास
मैं शुक्रगुज़ार हूं दफ़्तर के डिज़ायनर का
कि उसने वॉटर कूलर के लिए वो जगह तय की
कैफ़ेटेरिया की कोने वाली टेबल उसकी फ़ेवरेट थी
जिसके पास ही से लेना होता था खाना
मैं खाना लेते हुए कनखियों से देख लेता था
मैं शुक्रगुज़ार हूं दफ़्तर के डिज़ायनर का
उसने वेन्डर को खाना सर्व करने के लिए वो जगह दी
फिर एक दिन...
मैं सुट्टा ब्रेक के लिए बाहर था
मोबाइल स्क्रीन पर फ्लैश हुआ
हलकट कॉलिंग...
बॉस का फोन था
फोन उठाया, आवाज़ आई--
आई वॉन्ट यू हियर इन 5 मिनट्स
कुछ क्राइसिस थी शायद
अधजली सिगरेट जूते के नीचे शहीद हुई
और मैं ऊपर की ओर भागा
लिफ्ट का दरवाज़ा मेरे फ्लोर पर खुला
जिसके ठीक बग़ल में था
ऑफिस में एंट्री का दरवाज़ा
लिफ्ट खुलते ही मैं बाहर लपका
और वो...
उसे कम्बख्त उसी लिफ्ट में जाना था
हां तो मै कह रहा था..
लिफ्ट खुलते ही जो मैं लपका हूं
बुरी तरह टकरा के गिरा हूं
और गिराया है उसे भी
मैं ऊपर झुका हूं उसके
बॉस का फोन फिर बजा है इस बीच
लेकिन मैं तो ब्लैंक हूं
वो एक लम्हा जैसे वहीं रुक गया है
कि तभी,ऐसी सिचुएशन में, हिंदी फिल्मों की
मेरी सारी जमा पूंजी को कच्चा चबाते हुए
उसीके मुखारविंद से फूटा है
हिंगलिश गालियों का पूरा लॉट
एक भी गाली ऐसी नहीं
जिससे डक करके बच सको
उसी के शब्दों में--
&^^%%$%#%#@$#@@@%^$
U scoundrel! Can't u see properly?
सकपकाया हुआ उठा हूं मैं
और नीची नज़रों से भागा हूं बदहवास
बॉस की तरफ़ बढ़ते हुए
गरिया रहा हूं जी भर के
दफ़्तर के डिज़ायनर को
साला %*%&(^%%$^$^#@%^%@
लिफ्ट को कहीं और नहीं बना सकता था !
गजब है! मजे आ गये यार! कमाल का डिजाइनर है ये कवि भी।
ReplyDeleteइस डिजाइनर को अब आगे तो काम मिलने से रहा :-) खूब रही..
ReplyDeleteसुभानाल्ह!!!!!!!
ReplyDeleteप्रेम कहानिया अब सिर्फ प्रेमी-प्रेमिका के दरमियाँ नहीं है ....कई कोमे फुलस्टॉप इधर उधर से झाँक लेते है
love your style of writing.....keep flowing!!!
मस्त ! और क्या कहें !!!
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