और अब वादे के मुताबिक तीन वाहियात, सस्ते आलसी शेर:
1.ख़्वाहिशों की चादर ओढ़े सो रहा हूं कब से
कमबख़्त नींद टूटे तो उन पर काम शुरु हो
2. अंगड़ाइयों से नींद खुलती नहीं मेरी
बड़ी आलसी हैं अंगड़ाइयां मेरी
3. मैं ठहरा कीबोर्ड का सिपाही
बस ये एफ 5 दबाए काफी वक्त हुआ
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