अस्सी बरस से ज़्यादा हुए
वक़्त पर पड़ी बर्फ पिघली तो सही
हमें माफ़ कर देना, मैलरी
हम गुनहगार हैं तुम्हारे
कई पीढ़ियों के भी
लेकिन हम क्या करते
इतिहास सुबूत मांगता है
और दुनिया ने देखा था
सिर्फ एडमंड हिलेरी और तेनज़िंग का सच
लेकिन अब हम जानते हैं
वो तुम थे मैलरी, तुम
दुनिया में एक तस्वीर इतनी ज़रूरी कभी नहीं हुई
इस एक तस्वीर ने हमें बचा लिया, मैलरी
चोमोलंगमा- दुनिया की देवी माँ
यही कहते थे न तुम भी उसको
उन्तीस हज़ार फीट की ऊँचाई पर
तुम्हारी जीत भरी मुस्कान की ये तस्वीर
इतिहास को फिर से लिखेगी
हम शर्मिंदा हैं तो बस ये सोच कर
तुम्हें इन्साफ देने में हमने देर लगा दी
लेकिन हमें फख्र है इस बात पर
तुमने इंसानी जज़्बे को नई ऊंचाइयाँ दी
हो सके तो हमें माफ़ कर देना, मैलरी
जॉर्ज मैलरी - वो नाम जो पर्वतारोहियों के बीच बेहद इज़्ज़त के साथ लिया जाता है। मैलरी 1924 के एवरेस्ट अभियान के लीडर थे। ये उनका तीसरा और आख़िरी अभियान था। इस बार वो जो गए तो लौट के न आ सके। 75 साल बाद 1999 में उनका शव मिला- 26,760 फ़ीट की ऊंचाई पर ( एवरेस्ट- 29 हज़ार फ़ीट) एडमंड हिलेरी और तेनजिंग ने 1953 में एवरेस्ट पर क़दम रखा था. इस बारे में काफ़ी बहस हो चुकी है कि क्या उस महान पर्वतारोही ने एवरेस्ट की चोटी पर क़दम रखा था लेकिन इस बारे में किसी बहस की गुंजाइश नहीं कि उसमें इस काम को अंजाम देने की क़ाबिलियत थी। तमाम डॉक्यूमेंट्स से इस बात की पुष्टि हुई है कि मैलरी, कामयाबी की सूरत में, अपनी पत्नी ऱूथ का फ़ोटो चोटी पर ऱखना चाहते थे। जब 1999 में उनका शव मिला तो ये फ़ोटो उनके बेहतरीन हालत में मिले शव और कपड़ों के साथ नहीं था। तो क्या.....सच क्या है, पता नहीं। को़डैक कंपनी ने कहा है कि अगर मैलरी का कैमरा मिलता है तो इस बात की उम्मीद है कि उसकी फ़िल्म को डेवेलप किया जा सके।
ये कविता मुक़्क़मल नहीं है, ये मैं मानता हूं पर इसके मुक़्क़मल होने का इंतज़ार करना चाहता हूं। अगर 75 साल के इंतज़ार के बाद शव मिल सकता है तो थोड़ा और वक़्त गुज़रे, तस्वीर बोलेगी।
सच चाहे कुछ भी हो जांबाज मिलेरी को हमारा सलाम..
ReplyDeleteअगर वो चोटी पर पहुंच भी गये थे तो इससे दूसरों के प्रयत्न पर कोई असर नहीं होना चाहिये
लाजवाब कृति
ReplyDelete==============
1. विज्ञान । HASH OUT SCIENCE
2. चाँद, बादल और शाम
3. तकनीक दृष्टा
bahut hi khubsoorat rachana ......ho sake to aisee rachanao se hame rubru karawate rahe ....bahut hi pasand aayi aapaki rachanaa.....badhaee
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